जोधपुर ग्रामीण जिला दर्शन |jodhpur gramin district Darshan
जोधपुर ग्रामीण जिला मूल रूप से जोधपुर से अलग होकर जिला बना है । जोधपुर ग्रामीण जिले की सात अन्य जिलो के साथ सीमाएं लगती है । जोधपुर ग्रामीण जिले के सीमावर्ती जिले जोधपुर शहरी, फलौदी बालौतरा, जैसलमेर, ब्यावर, नागौर एवं पाली है । jodhopur grami jile का जिला मुख्यालय जोधपुर मे है ।
जोधपुर ग्रामीण मे 15 तहसीले व 10 उपखण्ड है ।
जोधपुर ग्रामीण जिले की तहसीले ( jodhpur gramin jila tehsil list )
जोधपुर ग्रामीण जिले मे बहने वाली नदियाँ एव झीले
लूनी नदी
यह नदी ब्यावर जिले से जोधपुर ग्रामीण मे प्रवेश करती है । लूनी नदी पर बिलाङा नामक स्थान पर jodhpur gramin मे पिचायक बांध बना हुआ है ।
पिचायक बांध
इस बांध का दुसरा नाम जवन्त सागर बाँध है । इसका निर्माण 1892 ई. जसवंत सिंह ने करवाया।
बालसमन्द झील
यह झील जोधपुर ग्रामीण जिले मे आती है । इस झील का निर्माण बालकराव ने करवाया था ।
कायलाना झील
कायलाना झील से जोधपुर शहर को पेयजल की आपूर्ति होती है । इस का निर्माण सर प्रताप ने करवाया था ।
अरणा-झरणा जल प्रपात
जोधपुर ग्रामीण मे ।
घावा डोली अभ्यारण्य
घावा डोली अभ्यारण जोधपुर ग्रामीण जिले मे आता है । यहां कृष्ण मृग पाये जाते है ।
जोधपुर ग्रामीण जिले मे स्थित प्रमुख मंदिर
सूर्य मंदिर
यह मंदिर औसिया मे बना हुआ है ।
हरिहर मंदिर
हरिहर मंदिर औसिया मे है । यहाँ भगवान विष्णु की प्रतिमा लगी हुई है ।
आईमाता का मंदिर
आई माता का मंदिर बिलाङा गाँव जोधपुर ग्रामीण मे है । यह सिरवी समाज की कुल देवी है ।
योगी बालिनाथ की समाधि
रामदेवजी के गुरू योगी बालिनाथ की समाधि मसूरिया पाहङी जोधपुर ग्रामीण मे है । यहाँ पर बाबा रामदेवजी का भी मंदिर बना हुअ है ।
बङली के भैरूजी का मंदिर
इस मंदिर का निर्माण राव सीहा ने करवाया।
खोखरी माता का मंदिर
तिवरी गाँव जोधपुर ग्रामीण
कपरङा का मेला
रामस्नेही संप्रदाय की खैङापा पीठ
घुङाला मोहत्सव
घुङला मोहत्सव सातलदेव की याद मे मनाया जाता है । यह जोधपुर का प्रसिद्ध है।
अमृतादेवी मृग वन
अमृतादेवी मृग वन खेजङली गाॅव भे है । यहाँ भ्रपद्रपद शुक्ल दशमी को वृक्ष मेला लगता है ।
खेजङली घटना
खेजङली गाँव मे 1730 ई. मे अमृता देवी बिश्नोई के नेतृत्व मे 163 लोगों ने खेजङी के वृक्षों की रक्षा हेतु अपने प्राण दे दिये थे । जिसमे 59 महिलाएं पुरूषो 294 ने खेजङी के वृक्षो की रक्षा हेतु अपना बलिदान दिया ।
खेजङली गाँव मे भाद्रपद शुक्ल दशमी को विश्व का एक मात्र वृक्ष मेला लगता है ।
इस समय मारवाङ का राजा अभ्यसिंह था ।
वीर दुर्गादास राठौङ
वीर दुर्गादास जी का जन्म सालवा कला गाँव जोधपुर ग्रामीण मे हुआ था । वीर दुर्गादास जोधपुर के महाराज जसवंत सिंह प्रथम के सेनापति तथा अजीत सिंह के संरक्षक थे । मसूरिया पहाङी पर वीर दुर्गादास का पनौरमा बना हुआ है ।
रूपायन संस्थान
रूपायन संस्थान की स्थापना कोमल कोठरी व विजयदान देथा(सहसंथापक) ने बोरून्दा(jodhpur gramin) मे की ।
बिङला व्हाइट सीमेन्ट कारखाना
बिङला व्हाइट सीमेन्ट का कारखाना खारिया खंगार जिले मे है । यहा सर्वाधिक व्हाइट सीमेंट का उत्पादन होता है ।
रामपुरा गाँव
रामपुरा गाँव, औसिया (जोधपुर ग्रामीण) मे है । यहां पहा स्पाई पार्क है ।
पाल गाँव
पाल गांव को राजस्थान का शिल्प ग्राम का दर्जा मिला हुआ है ।
जोधपुर ग्रामिण जिले मे अन्य प्रसिद्धि
जोधपुर जिले के बादले प्रसिद्ध है ।
मथानिया मे मसाला पार्क स्थित है जो लाल मिर्च के लिए प्रसिद्ध है।
राज्य का दुसरा स्पोर्ट्स स्कुल अंगणवा जोधपुर ग्रामीण मे खोला गया है ।
बिलाङा, जोधपुर ग्रामीण जिले मे अश्व प्रजनन केन्द्र स्थापित है ।
देश का पहला सौर उर्जा फ्रिज बालोसर जोधपुर ।