राजस्थान की झीले pdf. rajasthan ki jheele
राजस्थान की झीले राजस्थान जीके का महत्वपूर्ण हिस्सा है और राजस्थान की प्रत्येक भर्ती मे कुछ सवाल झीले से सम्बंधित जरूर आते है । तो आज हम इस आर्टिकल मे झीलो के बारे मे चर्चा करगे । झीलो का निर्माण उसमे गीरने वाली नदी उनका वर्गीकरण आदि का NCRT के अनुसार अध्ययन करेगे ।राजस्थान मे लगभग पूरे वर्ष मे लगभग केवल 29 दिन वर्षा होती है । ऐसे मे यहाँ कि जिले पेयजल के लिए महत्वपूर्ण योगदान है । राजस्थान मे प्राकृतिक झीलो के साथ कई कृतिम झीले है जिसका निर्माण राजा महाराजाओं , सेठ साहूकारों एवं आम जन ने मिलकर कीया है ।
राजस्थान की झीले सामन्य जानकारी (rajasthan ki jhale in hindi.)
झीले के अध्ययन लिम्नोलाॅजी कहते है ।राजस्थान मे सर्वाधिक झीले उदयपुर मे पायी जाती है । इसलिए इसे झीलो की नगरी भी कहते है ।
राजस्थान मे सर्वाधिक खारे पानी की झीले नागौर जिले मे पायी जाती है जो कि प्राचीन समय मे टेथिस सागर होने का प्रमाण है ।
झीलो का वर्गीकरण (राजस्थान मे झीलो के प्रकार )
झीलो का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया गया है:-लवता के आधार पर
1. खारे पानी की झीले 2. मीठे पानी की झीलेज्वालामुखी के आधार पर
1. काल्डेरा झील
ज्वाला मुखी का मुख यदि बाङा होता है तो उसे काल्डेरा कहते है तथा वर्षा ऋतु मे उसमे पानी भर जाने से वहां पर झील बन जाती है तो उसे काल्डेरा झील कहते है ।उदाहरण पुष्कर झील
2. क्रेटर झील
ज्वालामुखी के मुख का आकर यदि छोटा हो और बरसात के मौसम मे उसमे पानी भरने से झील बन जाती है तो उसे क्रेटर झील कहा जाता है उदाहरण नक्की झील है ।विवर्तनिक झीले
ज्वालामुखी, भूकंप तथा उल्का पिंण्ड के गिरने से बनने वाली झील को विवर्तनिकी झील कहा जाता है । क्रेटर एवं काल्डेरा झीले इसके अन्तर्गत आती है । उल्का पिण्ड के गिरने से बनने वाली झील का उदाहरण रामगढ़ झील है ।निर्माण के आधार पर
1.प्राकृतिक झील2.कृत्रिम झील
राजस्थान की झीले नोट्स (rajasthan ki jhale notes)
मीठे पानी की झीले
1. जयसमन्द झील
- जयसमन्द झील का निर्माण महाराजा जयसिंह ने 1685-91 मे गोमती नदी पर करवाया ।
- इस झील पर सात टापू बने हुए है जिन पर भील व मीणा जनजाति के लोग निवास करते है ।
- इस झील के सबसे बङे टापू को बाबा का भागङा तथा सबसे छोटे टापू को प्यारी के नाम से जाना जाता है ।
- इस झील से 1950ई. मे श्यामपुर व भाट नामक दो नहरे निकली गई है ।
- इस झील मे गोमती नदी, झाबरी नदी, केलवा नदी से जलापुर्ती जलापूर्ति होती है ।
- जयसमन्द झील को ढेबर झील एवं जलचरो की बस्ती उपनाम से भी जाना जाता है ।
पिछोला झील
- पिछोला झील का निर्माण 14 सदी मे छीतरमल चिङीमार नामक बंजारे द्वारा करवाया गाया था , जो कि राणा लाखा के समकालीन था ।
- झील का जीर्णोद्धार 1525ई. मे राणा सांगा ने करवाया।
- झील का पक्का/पाल का निर्माण 1559ई. मे महाराजा उदयसिंह द्वारा राजमहल की सुरक्षा हेतु करवाया गया।
- यह झील राजमहल के पीछे होने के कारण इस झील का नाम पिछोला झील पङा ।
- महाराणा प्रताप व मानसिंह की मुलाकात इसी झील की पाल पर हुई थी ।
- इस झील के किनारे बीजारी नामक जगह पर गलकी की याद मे नटनी का चबूतरा बना हुआ है ।
- इस झील पर जगत निवास और जगत मन्दिर नामक दो महल बने हुए है ।
- इस झील पर जगदीश मन्दिर और बागोर की हवेली भी बनी हुई है ।
जगत मन्दिर
- जगत मन्दिर का निर्माण 1615ई. मे जगत सिंह प्रथम ने करवाया।
- 1857 की क्रान्ति मे निमच छावनी के 40 अंग्रेज परिवारो स्वरूप सिंह ने शरण दी ।
- शाहजहाँ ने अपने पिता के विरूद्ध विद्रौह के समय यहाँ चरण ली थी ।
- इसी जगत मन्दिर को देखकर शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण करवाया।
जगत निवास
- जगत निवास का निर्माण 1746 ई. मे जगतसिंह द्वितीय ने करवाया तथा वर्तमान मे इस महल को RTDC द्वारा हैरिटेज होटल बना दिया गया ।
बागोर की हवेली
- बागौर की हवेली का निर्माण मेवाङ के प्रधानमंत्री अमरचन्द बङावा ने की ।
- विश् की सबसे बङी पगङी इसी बागौर की हवेली मे रखी हुई है ।
स्वरूप सागर झील
- 1857 ई. मे स्वरूप सिंह ने नहर नुमा झील का निर्माण करवाया , जो पिछोला झील को फतेहसागर झील से जोङती है ।
फतेह सागर झील
- फतेह सागर झील का निर्माण 1688ई. मे फतेह सिंह ने देबाली गांव मे करवाया तथा इस झील का पुनः निर्माण 1898-1900 मे फतहे सिंह द्वारा करवाया गया इसलिए इसे फतेह सागर झील कहते है ।
- इस झील को देबाली तालाब और कनोट बांध आदि उपनामो से जाना जाता है।
- इस झील के सबसे बङे टापू पर नेहरू उद्यान बाना हुआ है ।
- इस झील के दुसरे टापू पर सौर वैधशाला है जिसकी स्थापना 1975 मे अहमदाबाद की ओर से की गई थी।
- यह भारत की प्रथम सौर वैधशाला है ।
- इस वेधशाला को 1981 मे भारतीय अन्तरिक्ष विभाग से जोङा गया ।
- इस वेधशाला मे विशाल दूरबीन रखी गई है, जिससे सूर्य ग्रहण के समय सूर्य की विभिन्न कलाओ का अध्ययन कीया जाता है ।
- मोती मागरी मे प्रताप स्मारक बना हुआ है ।
उदयसागर झील
- उदय सागर झील का निर्माण महाराज उदयसिंह ने 1559-64ई. मे करवाया गया ।
- आयङ नदी इस झील मे गिरने के पश्चात बेङच नाम से जानी जाती है।
रंगासागर झील
- यह पिछोला व स्वरूप सागर के अतिरिक्त पानी पर बनी हुई है ।
राजसमन्द झील
- राजसमन्द झील का निर्माण महाराजा राज सिंह ने 1662-76 मे अकाल राहत योजना के तहत गोमतीनदी पर बांध बनाकर करवाया।
- यह झील देश की प्रथम अकाल रहात झील मानी जाती है ।
- इस झील के निर्माण मे सर्वाधिक 60,000 लोगो का योगदान रहा है ।
- इस झील को राजा समुन्द झील एवं नौ चौकी झील के नाम से जाना जाता है ।
- यह राजस्थान की दुसरी सबसे बङी कृत्रिम झील है ।
- इस झील के उत्तरी भाग मे नौ चोकी पाल (नौ चोकिया बनी हुई) है , जिस पर 25 शिलालेख राज प्रशस्ति के रूप मे लिखे गये है ।
- राज प्रशस्ति के लेखक रणछोङ भट्ट तैलंग है तथा इसकी भाषा संस्कृत है ।
- इन शिलालेखों पर मेवाङ का इतिहास लिखा हुआ है ।
- इन शिलालेखों पर मीणा जाति का भी वर्णन किया गया है।
- इस झील के किनारे सौर घङी के अवशेष मिले है ।
नन्दसमद झील(राजसमन्द)
- इसे राजसमन्द की जीवन रेखा कहते है ।
आना सागर झील (अजमेर)
- आना सागर झील का निर्माण 1136-37ई. मे अर्णोराज ने करवाया।
- इस झील मे जल की आपूर्ति लूनी तथा बाण्डी नदी द्वारा होती है ।
- आना सागर झील पर जहाँगीर ने दौलत बाग का निर्माण करवाया।
- इस झील के पास बने दौलत बाग मे जहाँगीर की सास व नूरजहाँ की माॅ "असमत बेगम" ने गुलाबों के फुलों से इत्र का निर्माण कीया ।
- इस झील के किनारे रूठी रानी का महल स्थित है।
- शाहजहाँ ने 1627ई. मे 5बहारदरी का निर्माण करवाया ।
- फायसागर झील का निर्माण 1891-92 मे इन्जीनियर फाॅय द्वारा अजमेर को बाण्डी नदी के बाढ से बचाने हेतू करवाया गया ।
- यह राजस्थान की एक मात्र झील जिसका उद्देश्य बाढ नियंत्रण है ।
- इस झील को बनाने मे 2 लाख 69 हजार रूपये का खर्च आया था ।
- यह झील भरने के पश्चात आने वाला अतिरिक्त पानी आनासागर झील मे चला जाता है ।
कोलायत झील
- प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस कपिल मुनि ने अपनी माता की मुक्ति के लिए पाताल गंगा उत्पन्न की ।
- इस झील के किनारे कपिल मुनि का कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है , जिसमे दीपदान कीया जाता है।
- पुष्कर झील की भाॅति इस झील मे भी 52 घाट बने हुए है ।
- कोलकाता झील के दर्शन चारण जाति के लोग नहीं करते हैं।
- इस झील को मारवाड़ का सुन्दर उद्यान व शुष्क मरूधर का सुन्दर उद्यान आदि उपनामो से भी जानी जाती है ।
गजनेर झील (बीकानेर)
- गजनेर झील बीकानेर मे स्थित है तथा इसका पानी इतना साफ है कि इसे पानी का शुद्ध दर्पण कहते है ।
कायलाना झील /सर प्रताप सागर झील(जोधपुर)
- कायलाना झील एक प्राकृतिक झील है जिसका आधुनिकरण सन् 1872 मे महाराजा "सर प्रताप ने करवाया था ।
- इस झील के किनारे भारत का प्रथम मरू वनस्पति उद्यान "माचिया सफारी पार्क बना हुआ है ।
- इस झील मे जल की आपूर्ति IGNP की लिफ्ट नहर "राजीव गाँधी नहर से होती है ।
- यह एक मात्र झील है जो इन्दिरा गांधी नहर से जुड़ी हुई है ।
- इस झील के तट के पास ही "कागा" की छतरियाॅ स्थित है जाहाॅ पर जोधपुर के राठौङो का अन्तिम संस्कार कीया जाता है ।
- यह जोधपुर की सबसे बङी झील है ।
बालसमन्द झील
- जोधपुर के मण्डोर मे स्थित इस झील का निर्माण 1159 ईस्वी मे बालक राव प्रतिहार ने करवाया।
- इस झील के किनारे गुलाब उद्यान स्थित है ।
- इस झील मे पानी की आपूर्ति गुलाब सागर से होती है।
- सूर सिंह ने इस झील के उत्तरी भाग पर बाहरदरी का निर्माण करवाया।
- सूर सिंह ने अपनी रानी की याद मे जनाना बांध व आठ खंम्भो के एक महल का निर्माण करवाया।
गढसीसर झील
- जैसलमेर मे स्थित गढसीसर झील का निर्माण 1156 ई. मे रावल जैसल ने करवाया तथा इसे मारवाड़ का जलमहल भी कहते है ।
अमर सागर झील( जैसलमेर )
- अमर सागर झील पर राजस्थान का पहला पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है ।
बूझ झील( जैसलमेर)
- इस झील मे पानी की आपूर्ति काकनेय /मसूरदी नदी द्वारा होती है ।
सिली सेठ झील (अलवर)
- यह झील दिल्ली-जयपुर हाइवे पर स्थित है।
- इस झील का निर्माण 1845 मे विनय सिंह द्वारा करवाया गया ।
- इसे राजस्थान का नन्दन कानन के नाम से भी जाना जाता है ।
- RTDC द्वारा इस झील पर नौकाऔ का संचालन किया जाता है।
- इस झील के किनारे 80 खंभों की छतरी /मूसी महारानी की छतरी स्थित है।
मोती झील (भरतपुर)
- इस झील का निर्माण महाराजा सूरजमल ने रूपारेल नदी पर करवाया।
- इस झील मे नाइट्रोजन युक्त शैवाल पायी जाती है ।
- पन्ना लाल शाह तालाब (झुन्झुनूं)
- यह झील झुन्झुनूं जिले के खेतङी मे स्थित है तथा इस पर स्वामी विवेकानंद रूके थे ।
गैब सागर झील (डूंगरपुर)
- गैब सागर झील का निर्माण महाराज गोपी नाथ ने करवाया तथा इसे एडवर्ड सागर बांध उपनाम से जानी जाती है।
- इस झील के तट पर बादल महल बना हुआ है ।
- गैब सागर झील के किनारे काली बाई ने गुरूजी को बचाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
- इस झील के किनारे स्वामी विवेकानंद स्मारक और काली बाई स्मारक बना हुआ है।
तालाब शाही झील
- यह झील धौलपुर मे स्थित है तथा इस झील का निर्माण जहाँगीर ने करवाया था ।
चौपङा झील
- यह झील पाली जिले मे स्थित है।
नक्की झील
- नक्की झील के निर्माण सम्बन्धित निम्न मत है :-
- देवताऔ ने अपने नाखूनों द्वारा बनाया (धार्मिक मत)
- रसिया बालम द्वारा एक रात मे निर्माण किया(ऐतिहासिक मत)
- ज्वालामुखी द्वारा निर्मित क्रेटर झील
- यह राजस्थान की सबसे गहरी और समुद्र तल से सबसे उँची(1200मी.) झील हैं।
- यह एक विर्वतनीक झील है ।
- इस झील पर RTDC द्वारा नौका का संचालन कीया जाता है ।
- यह झील गरासिया जनजाति की धार्मिक आस्था का केन्द्र है।
- इस झील के किनारे रघुनाथ जी का मन्दिर एवं अर्बुदा माता का मन्दिर है।
- झील के किनारे चार चट्टानें है जिसका नाम एवं आकार निम्न है:-
- टाॅक राॅक मेढक के समान आकृति
- नन राॅक महिला(पणिहारी) के समान आकृति
- पैरोट राॅक तोते के समान आकृति
- इस झील पर चार गुफाएं बनी हुई है ।
- राम झरोखा
- आदि गुफा
- चम्प गुफा
- हाथी गुफा ।
- यह झील राजस्थान की एक मात्र झील है जो शीत ऋतु मे जमती है ।
- यह राजस्थान राज्य की एक मात्र हील स्टेशन झील है।
- इस झील के पास सनसेट और हनीमून प्वांइट स्थित है।
पुस्कर झील
- इस झील के निर्माण से सम्बंधित अलग-अलग मत है ।
- पुष्करणा ब्राह्मणो द्वारा झील का निर्माण करवाया गया।
- ब्रह्माजी के हाथ से गुलाब फुल गिरने से निर्माण हुआ।
- यह एक ज्वालामुखी द्वारा निर्मित काल्डेरा झील है ।
- पुष्कर झील के उपनाम निम्नलिखित है:-
- तीर्थो का मामा
- तीर्थो का राजा
- कोकण तीर्थ
- 52 घाट झील
- अर्ध चन्द्राकार झील
- यह राजस्थान की सबस प्राचीनत्म एवं पवित्र झील है ।
- यह राजस्थान की सबसे प्रदूषित झील है, इसकी सफाई 1996-97 मे कनाडा के आर्थिक सहयोग से की गई थी मेनका ने विश्वामित्र की तपस्या भंग इसी झील के किनारे की थी ।
- इसी झील के किनारे पांडवों और कोरवो का दिव्य मिलन हुआ था ।
- भगवान राम ने दशरथ का पिण्ड यही पर किया था ।
- महाकवि कालीदास जी ने इसी झील के किनारे "अभिज्ञान शकुन्तला " नामक पुस्तक की रचना की थी ।
- 1705 मे गुरू गोविन्द सिंह ने "गुरू ग्रन्थ साहिब " का
- पाठ इसी झील के किनारे कीया था ।
- वेदव्यास जी महाराज वेदो को लिपिबद्ध कीया गया ।
- यह मीठे पानी की सबसे बङी प्राकृतिक झील है ।
- इस झील मे 52 घाट है जिसका निर्माण मण्डौर के प्रतिहार शासक नाहरराम ने 944ई . मे कराया था ।
- इस झील बने 52 घाटो मे से सबसे बङा घाट जयपुर घाट है व सबसे पवित्र घाट गौ घाट है ।
- महात्मा गांधी जी, बाल ठाकरे और अटल बिहारी वाजपेयी जी की अस्थियों का विसर्जन इसी झील मे कीया गया था ।
- इस झील पर कार्तिक पूर्णिमा को विशाल मेला लगता है ,जिसका आयोजन राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा कीया जाता है । यह राआका सबसे रंगीला मेला है ।
- इस झील के पास बने ब्राह्मा जी के मन्दिर को 2006 मे राष्ट्रीय स्मारक घोषित कीया गया है ।
- इसी झील के पास भर्तृहरि की गुफा व कण्व श्रृषि की गुफा बनी हुई है ।
खारे पानी की झीले टेथिस सागर का अवशेष मानी जाती है । राजस्थान मे सर्वाधिक खारे पानी की झीले नागौर जिले मे है ।
खारे पानी की झीलो को याद करने की ट्रिक (trick)
साङी का पल्लू कुत्ता फाङे रहे
सा =साम्भर झील
ङी= डीडवाना झील
का=कावेद झील
प=पंचपद्रा
लू=लूणकरणसर
कु=कुचामन
ता=तालछापर
फा=फलौदी
ङे=डेगान
रहे=रेवास
साम्भर झील जयपुर
- बिजोलिया शिलालेख के अनुसार इस झील का निर्माण वासुदेव चौहान ने करवाया।
- आयताकार आकार की यह झील जयपुर नागौर और अजमेर तीनो जिलो से सीमा बनाती है ।
- साम्भर झील मे खारी खण्डेला, रूपनगढ, मेथा नदियाँ गिरती है ।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राजस्थान की सबसे बङी व देश की तीसरी सबसे बङी झील है
- इस झील की लम्बाई 3 से 12 किलोमीटर तथा चौङाई 32 किलोमीटर है ।
- भारत के कुल नमक उत्पादन का 8.7%उत्पादन इस झील से होता है, यह नमक उत्पादन की दृष्टि से देश की सबसे बङी झील है ।
- यह पर नमक उत्पादन का कार्य सम्भर साल्ट लिमिटेड द्वारा किया जाता है, जो हिदुस्तान साल्ट लिमिटेड के अधिन उत्पाद करती है ।
- इस झील पर नमक क्यारी पद्धति द्वारा उत्पादित होता है ।
- इस झील मे स्पाइरूला नामक शैवाल पाया जाता है जिसमे 65% तक प्रोटीन की मात्रा होती है ।
- पर्यटन को बढावा देने के लिए 23 मार्च 1990 को इस झील पर रामसर साइट की स्थापना की थी । इसके अलवा रामसर साइट की स्थापन केवलादेव घना पक्षी उद्यान मे भी है ।
- सन्त दादु दयाल ने प्रथम उपदेश तथा दादु पंथ की स्थापना 1574 ई. मे इसी झील के किनारे से की ।
- इस झील की लवणता कम करने के लिए "स्वेडाफ्रुटी" व साल्वेडोरा नामक वनस्पति लगाई गई है।
- कुंरजा नामक पक्षी व गुजरात का राज्य पक्षी राजहंस यहाँ आते है ।
- यहा से रेल नीर का उत्पादन कीया जाता है ।
- यहाँ पर नमक स्मारक बना हुआ है ।
- इस झील पर 2019 मे एलियम बोटोलिज्म नामक बीमारी से हजारों पक्षियों की मृत्यू हुई थी जिसके संरक्षण हेतू चिल्का झील पर आधारित एक कमेटी का गठन किया गया ।
पचपद्रा झील(बाङमेर)
- पचपन्दा झील का निर्माण पंचा भील ने करवाया था कुछ पुस्तको मे इसका निर्माण एक बंजारे द्वारा दलदली भूमि को सुखाकर किया ।
- राजस्थान मे सर्वाधिक खारा/सर्वश्रेष्ठ नमक का उत्पादन पचपद्रा झील से होता है , जिसमे NaCl की मात्रा 98% पायी जाती है।
- यहाँ पर खारवाला जाति द्वारा "वायु/रेस्ता पद्धति द्वारा मोरनी झाङी से नमक तैयार किया जाता है ।
- कुओ से नमक तैयार कोषिया पद्धतिसे तैयार होता है ।
डीडवाना झील
- इस झील से उत्पादित नमक खाने योग्य नही है क्योंकि इसे NaS पाया जाता है ।
- इस झील पर ब्राइन पद्धति द्वारा नमक तैयार कीया जाता है।
- इस झील पर देवल नमक तैयार करने वाली स्थानीय संस्था है ।
- इस झील के नमक से कागज भी तैयार होता है ।
- इस झील के किनारे राजस्थान का सबसे बड़ा सोडियम संयंत्र स्थापित है ।
कावेद झील (जैसलमेर )
- आयोडीन की दृष्टि से सर्वोत्तम नमक प्राप्त होता है ।
- इस झील के किनारे राज्य का प्रथम कोयला संयंत्र स्थापित है ।
- आयोङीन युक्त नमक उत्पादित होता है ।
- यहाँ पर सरकार द्वारा आदर्श लवण पार्क स्थापित किया गया है।
- रेवास झील सीकर मे ।
- पोकरण झील जैसलमेर मे
- फलौदी झील जोधपुर मे
- कावेद झील जैसलमेर मे
- काछोर झील सीकर मे
- तालछापर झील चुरू मे
- प्रीथम पुरी झील सीकर मे ।
Rajasthan ki jhile questions.
1. राष्ट्रीय झील संरक्षण कार्यक्रम मे राजस्थान की कौन-कौनसी झीले शामिल है ?
Ans. राष्ट्रीय झील संरक्षण कार्यक्रम मे राजस्थान की 6 झीले शामिल की गई है। जिसमे उदपुर की अनासागर व पुष्कर झीले, जयपुर की मानसागर झील, माउंट आबू सिरोही की नक्की झील और उदयपुर की फतेसागर व पिछोला झीले शामिल है ।
2.राजस्थान की सबसे बङी कौनसी है ?(rajasthan ki sabse badi jheel.)
सांभर झील राजस्थान की सबसे बङी झील है ।
मीठे पानी की सबसे बङी जयसमन्द झील ।