बालोतरा राजस्थान जिला दर्शन | balotra jila.
Balotra:- बालोतरा जिला बाङमेर से पृथक होकर बना है । इस जिले के बनने की घोषणा 17 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की । बालौतर जिले का उद्घाटन दिवस 15 अगस्त को हेमाराम चौधरी ने किया । इस जिले मे 7 तहसीले तथा चार उपखण्ड आते है ।
लुनी नदी के किनारे पर बसे इस बालोतरा जिले मे कुल 1216 गाँव है । इसका क्षेत्रफल 19,000 वर्ग किलोमीटर है । 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 970760 है ।
बालौतरा जिला जोधपुर संभाग मे आता है ।
बालौतरा जिले की तहसीले (balotra district tehsil list)
- गीङा
- बायतु
- पंचपद्रा
- कल्याणपुरा
- सिवाणा
- सिणधरी
बालोतरा जिले के सीमावर्ती जिले
1. जोधपुर ग्रामीण2. पाली
3. बाङमेर
4. जैसलमेर
5.संचौर
6.जालौर
बालौतर जिले के उपखंड
1. बालौतरा2.सिणधरी
3. बायतु
4. सिवाणा
बालोतरा जिले की नदियां (balotra jila)
लुनी व सुकङी नदियाँबालौतरा जिले मे लूनी व इसकी सहायक सुकङी नदी बहती है । यहां लवणीय मृदा होने के कारण लुद नदी का पानी खारा हो जाता है ।
लुनी नदी के किनारे बालौतरा जिले मे तिलवाङा सभ्यता बची हुई है ।
बालोतरा जिले मे स्थित दुर्ग सिवाणा दुर्ग
बालौतरा जिले मे स्थित इस किले को जालौर दुर्ग की कुंजी एवं मारवाङ के राजाऔं की चरण स्थली कहा जाता है।पचपद्रा झील
यह झील पहले बाङमेर जिले मे आती थी परन्तु वर्तमान मे यह बालौतरा मे आती है ।पचपद्रा रिफाइनरी
राजस्थान की पहली व भारत की 26 वीं पचपद्रा रिफाइनरी बालौतर जिले मे स्थित है । यह भारत के तेल उत्पादन मे 24 % योगदान प्रदान करती है ।जटपट्टी उधोग
यह हस्तकला पर आधारित कुटिर उधोग है जिसमे हाथ से जिरोही, भाखला आदि बनाये जाते है ।जसोल गाँव बालौतरा का प्रसिद्ध है।छप्पन की पहाङी
यह छप्पन गुम्बदार पहाङीया है । इन पहाङीयो मे पीपलूद नामक स्थान पर सर्वाधिक वर्षा होती है । इस कारण इसे पश्चिमी राजस्थान का लघु माउण्ट आबू कहते है ।बालौतरा जिले के प्रमुख मंदिर
हल्देश्वर महादेव मंदिर:- छप्पन की पहाङीया बालौतराब्रह्माजी का मंदिर:- आसोतरा(बालौतरा)
पार्श्वनाथ जैन मंदिर:- बालौतरा(नाकोङा)
हिग्लाज माता का मंदिर:- सिवाणा
रणछोङराय मंदिर:- खेङ
रूपादे मंदिर :- पालिया गाँव
नागणेची माता का मंदिर:- नगाणा गाँव
संत पीपा का मंदिर:- समदङी
बालौतरा जिले के प्रमुख मेले
बजरंग पशु मेला:- सिणधरी
मल्लीनाथ मेला:- तिलवाङा
तिलवाङा सभ्यता
यह सभ्यता लुनी नदी के किनारे तिलवाङा बालौतरा मे स्थित है । यह मध्यपाषाण कालीन सभ्यता है । यहाँ कृषि व पशूपालन के अवशेष प्राप्त हुए है ।पचपद्रा झील
यह खारे पानी की झील पचपद्ररा मे स्थित है ।बालौतरा जिले मे प्रसिद्ध
कनाना गावं की गैर प्रसिद्ध है।मालाणी नस्ल के घोङे प्रसिद्ध
रेलवे अनुसंधान एवं परीक्षण केन्द्र पचपद्रा मे स्थित है ।
बटाडू का कुआ:-बायतू
जोगासर गाँव बायतू पेट्रोलियम के लिए प्रसिद्ध है।