संचौर राजस्थान का नव गठित जिला | sanchore jila darshan
Sanchore: संचौर राजस्थान का नया जिला है ।पहले जालौर जिले की एक तहसील थी । संचौर का प्राचीन नाम सत्यपुर है । इस जिले का स्थापना दिवस 7 अगस्त 2023 को बनाया गया है । संचौर मे चार तहसीले, चार उपखण्ड एवं 459 गांव है ।
संचौर जिला पाली संभाग मे आता है । संचोर की चिलतवान तहसील मे पांच नदियों का संगम होने के कारण संचौर को राजस्थान का पंजाब कहा जता है ।
संचौर जिले के लोगों के आजीविका का संसाधन कृषि है । यहां पर नर्मदा नहर प्रयोजना से सिंचाई होती है ।
संचोर जिले की तहसीले(sanchore dstrict tehsil list)
संचौर जिला जालौर जिले से सर्जित हुआ है । इसमे चार तहसीलें आती है ।1. संचौर(sanchare)
2. चितलवान
3. रानीवाङा
4. बागोङा
संचौर जिले के सीमावर्ती जिले (rajasthan ka new jila)
संचौर जिले की अन्य चार जिलो बाङमेर, बालोतरा, जालौर एवं सिरोही से सीमा लगती है ।संचौर जिले की अन्तराज्य सीमा
संचौर की गुजरात राज्य से सीमा लगती है ।
बाङमेर-संचौर तेल बेसिन
इस तेल बेसिन मे तीन जिले बाङमेर, बालौतरा, एवं संचौर आते है जहाँ से तेल का उत्पादन होता है ।संचौर मे सिंचाई व्यवस्था नर्मदा नहर
संचौर जिले मे सिंचाई नर्मदा नहर से होती है ।नर्मदा नहर संचौर मे सिलूगांव से प्रवेश करती है ।संचौर मे नर्मदा नहर से सिंचाई फव्वारा विधि या बुदबुद सिंचाई प्रणाली से होती है ।
सेवङिया पशु मेला
सेवङिया पशु मेला रानीवाङा संचौर मे चैत्र माह की शुक्ल पक्ष 11 को लगता है ।रघुनाथ पुरी का मेला
गौगाजी की ओलङी
गोगाजी की ओल्ङी किलेरियों की ढाणी (संचौर) ।इसका निर्माण राजराम कुमहार ने करवाया ।
रानीवाङा दुग्ध डेरी
रानीवाङा दुग्ध डेरी संयत्र की स्थापना 1986 ई. मे हुई । यह राजस्थान की सबसे बङी दुग्ध डेरी है ।राष्ट्रीय कामधेनु विश्व विश्वविद्यालय
राष्ट्रीय कामधेनु विश्व विद्यालय पथमेङा संचौर मे है । यहा पर राजस्थान की सबसे बङी गौशाला पथमेङा संचौर है ।उधोग
चमङा उधोग
राजस्थान का पहला गोमुत्र बैक-संचौर
संचौर मे N.H 68, NH 925A, तथा N.H 168 A है ।
संचौर जिले का पिन कोड नम्बर 343041 है