राजस्थान का भैतिक प्रदेश पूर्वी मैदान (rajasthan ka bhotik pradesh purui madan)
राजस्थान का भौतिक प्रदेश पूर्वी मैदान अरावली पर्वत माला के पूर्व मे स्थित है । राजस्थान के इस पूर्वी मैदानी प्रदेश का निर्माण गंगा व युमुना की सहायक नदियों जैसे कि चम्बल, बनास, बाणगंगा, माही आदि नदियो द्वारा जमा किए गए अवसादो, निक्षेप एवं इनके द्वारा लाई गई जलोढ़ मिट्टी से हुआ है । इस मैदानी प्रदेश के निर्माण चर्तुथक महाकल्प/नूतन महाकल्प/नियोजोईक ऐरा के प्लीस्टोसीन काल मे हुआ । प्रारम्भ मे इनके स्थान पर घाटीयां थी । राजस्थान का यह मैदानी भाग भारत के उत्तरी मैदान का हिस्सा है ।
राजस्थान के यह पूर्वी मैदान राज्य के कुल क्षेत्रफल के लगभग 23% भाग मे फैला हुआ है । तथा इसे 39 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है । यह राजस्थान का सबसे अधिक जनघन्व वाला भौतिक प्रदेश है ।
इन क्षेत्रों मे नदियों द्वारा लायी गयी जलोढ़ मृदा बहुत ही उपजाऊ होती है । इस लिए इस प्रदेश को राजस्थान का अन्न का कटोरा भी कहते है । इस मैदानी प्रदेश बांसवाडा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, स. माधोपुर, करौली, कोटा, बूंदी, चित्तौडगढ़, धौलपुर, राजसमन्द, अजमेर , टोंक आदि जिले आते है ।
राजस्थान के पूर्वी मैदान का विभाजन
अध्ययन की दृष्टि से पूर्वी मैदान को तीन भागो मे विभाजित किया गया है ।
1. बनास बाणगंगा बेसिन
इसमे राजसमन्द(R), चित्तोङगढ(C), भीलवाङा(B), अजमेर(A), टोंक(T) एवं सवाई माधोपुर(M) का क्षेत्र आता है । यह बनास नदी का प्रवाह क्षेत्र है ।
बनास बेसिन को हम पुनः दो उपभागो विभाजित करते है ।
1. दक्षिणी मैदान/मेवाङ का मैदान(RCB)
इसमे राजमदन्द, चित्तौड़गढ़ एवं भीलवाङा जिलो का क्षेत्र आता है।
2. मालपुरा करोली का मैदान (ATM)
इसमे अजमेर, टोंक एवं सवाई माधोपुर का मैदानी भाग आता है ।
बाणगंगा बेसिन
इस मे जयपुर दौसा एवं भरतपुर के मैदान आते है । इसे रोही का मैदान भी कहते है ।
2. चम्बल बेसिन
यह चम्बल नदी का बहाव क्षेत्र है । इसमे चितौङगढ़ ,कोटा, बुंदी, सवाई माधोपुर, करौलीएवं धौलपुर का क्षेत्र आता है । चम्बल नदी यहाँ पर फैलकर छोटी-छोटी अवनालिकाओ मे बहती है जिसे अवनालिका अपरदन कहते है । जिसके परिणामस्वरूप उबङ-खाबङ स्थान बनता है , जिसे बीहङ कहा जाता है । यह बीहङ डाकूओ की शरणस्थली रहा है । इसलिए इन बीहङ को डांग भी कहते है ।
क्षेत्रफल के आधार पर सर्वाधिक बीहङ स. माधोपुर एवं प्रतिशत के आधार सर्वाधिकार बिहङ धौलपुर मे पाये जाते है ।
डांग का राजा धौलपुर एवं रानी करौली को कहा जाता है।
बीङ-शेखावाटी क्षेत्र मे घास मे मैदानो को बीङ कहा जाता है ।
3. माही बेसिन
माही बेसिन माही नदी का बहाव क्षेत्र है । इसमे बासवाङा, प्रतापगढ एवं डुंगरपुर जिलो का क्षेत्र आता है ।
माही बेसीन को पुनः दो बागो मे वर्गीकृत करते है ।
1. कांठल प्रदेश
यह माही द्वारा निर्मित प्रतापगढ़ व बासवाङा के मध्य का मैदान है । इसे छप्पन का मैदान भी कहते है ।
मेवल का मैदान या देवलिया
डुंगरपुर व बासवाङा जिलो के मध्य के माही नदी द्वारा निर्मित मैदान , मेवल का मैदान कहलता है ।
खादर
नदियों द्वारा प्रतिवर्ष नयी मिट्टी का जमाव किया जाता है उस क्षेत्र का खादर का जाता है ।
बांगर
नदियों द्वारा मिट्टी का जमाव नहीं किया जाता है उस क्षेत्र को बांगर कहते है ।
राजस्थान के पूर्वी मैदान की विशेषताऐ
1. सर्वाधिक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी पायी जाती है । इस मिट्टी को एटफीसोल भी कहा जाता है ।
2. भूमिगत जलस्तर ऊँचा है ।
3. सिचाई के साधन अधिक पाये जाते है ।
4. खाद्दान का उत्पादन अधिक होता है इन मैदानो को अन्न का कटोरा कहा जाता है ।
5. यहा पर वनस्पति पतझङी प्रकार की पायी जाती है ।
6. यह क्षेत्र खनिज सम्पदा की दृष्टि से निर्धन है ।
7. इस क्षेत्र मे 60 से 90 सेन्टीमीटर वर्षा होती है ।
8. यहाँ पर कुए एवं नलकुपो द्वारा सिंचाई की जाती है ।
राजस्थान का पूर्वी मैदान प्रश्न-उत्तर | rajasthan ka purvi maidan question-answers
Q1. बनास बेसिन राजस्थान के किस भौगोलिक विभाजन का हिस्सा है ।
पूर्वी मैदान का ।
Q2 रोही का मेदान कहां है ?
Ans. जयपुर, दौसा एवं भरतपुर क्षेत्र मे ।
Q3. बीहङ पट्टी कहा स्थित है ?
कोटा से लेकर यमुना तक 480 किलोमीटर मे बीहङ पट्टी स्थित है ।
Q4. राजस्थान के पूर्व मैदानी प्रदेश मे सिंचाई कीससे होती है ?
कुओं एव नलकूपों द्वारा ।
Q5. बनास बेसिन राजस्थान के किस भौगोलिक विभाजन का हिस्सा है ?
बनास बेसिन राजस्थान के पूर्वी मैदान का हिस्सा है ।
Q6. अवनालिका अपरदन क्या है ?
चम्बल नदी द्वारा मैदानी प्रदेश मे छोटी-छोटी वितरिकाओ के रूप मे बहकर बनाया जाने वाला उबङ-खाबङ स्थान ।
Q7. पूर्वी मैदान मे किस प्रकार की मृदा पायी जाती है ?
एटफीसोल (जलोढ़ मृदा)
Q8. माही बेसिन को पुष्प प्रदेश भी कहते हैं क्यो ?
महुआ के वृक्षो के कारण ।
Q9. पूर्वी मैदान का ढाल कीस तरफ है ?
पूर्व दिशा की ओर ।